रूस और यूरोपीय देशों में बढ़ते तनाव के बीच बाल्टिक सागर के अंदर इंटरनेट केबल के कटने की खबर आई

नई दिल्ली
रूस और यूरोपीय देशों में बढ़ते तनाव के बीच बाल्टिक सागर के अंदर इंटरनेट केबल के कटने की खबर आई है जिससे यूरोप के देशों में सुगबुगाहट बढ़ गई है। दूरसंचार कंपनी टेलिया लिथुआनिया के अनुसार रविवार को लिथुआनिया और स्वीडन के बीच एक केबल काट दी गई। वहीं फिनलैंड की दूरसंचार कंपनी सिनिया ने बताया कि फिनलैंड और जर्मनी को जोड़ने वाली उसकी एक केबल भी सोमवार को बाधित हो गई है। गौरतलब है कि अटलांटिक महासागर के हिस्से के रूप में बाल्टिक सागर यूरोपीय देशों और रूस की सीमा से घिरा हुआ है। इससे पहले अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही यह चेतावनी दी थी कि रूस यूरोप के अहम समुद्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना सकता है।

सीएनएन ने स्वीडिश सूत्रों के हवाले से मंगलवार को बताया कि देश ने काटे गए केबलों पर कथित तौर पर की गई तोड़फोड़ की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। फिनलैंड भी मामले को लेकर सख्त है और जांच शुरू कर दी गई है। लिथुआनियाई मीडिया ने बताया कि जिस केबल को बाधित किया गया है वह लिथुआनिया की इंटरनेट क्षमता का लगभग एक तिहाई संभालती थी। उन्होंने कहा कि व्यवधान के बाद ट्रैफिक फिर से बहाल हो गया है।

फिनलैंड, जर्मनी का आरोप
इस बीच फिनलैंड और जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने अपने देशों के बीच केबल के काटे जाने को लेकर गहरी चिंता जताई है और इस घटना के हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा होने की संभावना जताई है। बयान में कहा गया, "यह तथ्य कि इस तरह की घटना से जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का संदेह पैदा होता है। यह हमारे समय की अस्थिरता के बारे में बहुत कुछ कहता है। फिलहाल जांच चल रही है। यूरोप पर यूक्रेन का साथ देने के बदले में रूस आक्रामक युद्ध छेड़ सकता है। हमारे खिलाफ हाइब्रिड युद्ध का भी खतरा है।"

अमेरिका का रुख
शुरुआती जांच से परिचित अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को CNN को बताया कि अभी तक इस तरह की गतिविधि के कोई संकेत नहीं मिले हैं न ही समुद्र तल के बुनियादी ढांचे को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया है। अमरीकी जांच अधिकारियों के मुताबिक यह संभवतः एक गुजरते जहाज से खींचे गए लंगर की वजह से हुआ था। खबरों की माने तो रूस हाल के महीनों में अंडर सी केबल में दिलचस्पी दिखा रहा है। रूस अपने तटों से दूर महत्वपूर्ण समुद्री बुनियादी ढांचे के करीब गश्त भी कर रहा है। अमेरिका का मानना ​​है कि रूस अपनी गुप्त समुद्री यूनिट को मजबूत कर रहा है।

हाइब्रिड युद्ध
यूरोपीय सुरक्षा अधिकारी और विशेषज्ञ महीनों से चेतावनी दे रहे हैं कि रूस यूरोप के खिलाफ हाइब्रिड युद्ध छेड़ रहा है। किंग्स कॉलेज लंदन में रक्षा अध्ययन के एक वरिष्ठ प्रोफेसर रॉड थॉर्नटन ने कहा कि रूस नाटो के साथ पूर्ण युद्ध के विकल्प के रूप में इस तरह की तरकीबों का उपयोग कर रहा है जो रूस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। रूस नाटो को उकसा कर उसके सिद्धांत कि एक सदस्य देश के खिलाफ हमला पूरे गठबंधन के खिलाफ हमला है को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। थॉर्नटन ने कहा कि यह हमला उस समय हुआ है जब रूस यूक्रेन और पश्चिम देशों पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button